Best 105+ Desh Bhakti Shayari in Hindi | देशभक्ति शायरी इन हिंदी
Desh Bhakti Shayari in Hindi: Dear, friends! Today in this article, we will be discussing the most commonly used Desh Bhakti Shayari and quotes in Hindi that you can share with your friends to express feeling of love and dedication to our loved country.
For an Indian, our birthplace is like our mother; that is why we call our land mother land. If necessary, we are ready to sacrifice our lives for Mother India. I salute you, Mother India. You will definitely like this collection of Hindi shayari on Desh Bhakti means honoring and cherishing your nation.
Desh Bhakti par Shayari in Hindi (देशभक्ति शायरी Hindi Me)
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे
🌸1🌸
आज़ादी की कभी शाम नहीं होने देंगे,
शहीदों की कुर्बानी बदनाम नहीं होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी गरम लहू की,
तब तक भारत माता का आँचल नीलाम नहीं होने देंगे।
🌸2🌸
भारत माता की जय
भारत माता की जय हम सब कहते हैं,
देश के वीर जवानों को नमन करते हैं,
उन शहीदों की कुर्बानियों को सलाम करते हैं,
जो हमें अमन और चैन का जीवन देते हैं।
🌸3🌸
वतन की मोहब्बत
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे,
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे,
क्योंकि भारत हमारा देश है प्यारा,
इसे हम नहीं मिटने देंगे, दुश्मनों से बचायेंगे।
🌸4🌸
वीरों के बलिदान को याद रखें,
उनके नक्शेकदम पर हम भी चले,
भारत माँ की सेवा में सदा रहें,
यही संदेश हम हर दिल में भरें।
2 Lines Desh Bhakti Shayari in Hindi (देश भक्ति शायरी)
🌸5🌸
सीने में है जुनून और होठों पे वंदे मातरम,
वो देश के लिए जिए और देश के लिए मरे।
🌸6🌸
मिट्टी की सौंधी खुशबू में वतन की यादें बसती हैं,
दिल में देशभक्ति की आग सदा ही जलती है।
🌸7🌸
लहराएगा तिरंगा अब सारे आसमान पर,
भारत का ही नाम होगा सबकी जुबान पर।
🌸8🌸
वो शमा जो काम आये अंजुमन के लिए,
वो जज्बा जो कुर्बान हो जाये वतन के लिए।
🌸9🌸
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले,
वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा।
🌸10🌸
हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए,
दिल दिया है, जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए।
🌸11🌸
न झुकेगा कभी तिरंगा ये हमारा,
सदा ऊँचा रहेगा प्यारा भारत हमारा।
🌸12🌸
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-कातिल में है।
Shayari on Patriotism in Hindi (Desh Bhakti Lines)
🌸13🌸
किसी गजरे की खुशबू को महकता छोड़ आया हूँ,
मेरे हिस्से की धरती को मैं तन्हा छोड़ आया हूँ,
मुझे छाती से अपनी तू लगा लेना ऐ भारत माँ,
मैं अपनी माँ की बाहों को तरसता छोड़ आया हूँ।
🌸14🌸
मिटा दिया है वजूद उनका जो भी इनसे भिड़ा है,
देश की रक्षा का संकल्प जो सच्चे दिल से लिया है।
🌸15🌸
ये देश है वीर जवानों का, अलबेलों का, मस्तानों का,
इस देश का यारों क्या कहना, ये देश है दुनिया का गहना।
उनके हौसले का भुगतान क्या करेगा कोई,
उनकी कुर्बानी का कर्ज देश पर उधार है।
वतन की राह में वतन के नौजवान शहीद हो,
मिटा दे दुश्मनों को अब ऐसा नाम बना लो।
तेरी मिट्टी में मिल जावां, गुल बन के खिल जावां,
इतनी सी है दिल की आरज़ू।
बड़े शौक से सुन रहा था जमाना,
हम ही सो गए दास्तां कहते-कहते।
वतन की मोहब्बत में खुद को तपायेंगे,
जहां जरूरत होगी अपनी जान लुटायेंगे।
Best Desh bhakti shayari in Hindi
लहू मेरे जिगर का कुछ काम तो आया
शहीदों में सही लवों पर नाम तो आया।
जाँ से प्यार वतन इस की शान के खातिर
जब मर तो इस दिल को आराम तो आया।।
बलिदानों की ज्वाला जलाए रखना,
लहराता तिरंगा यूं ही उठाये रखना
जान जाए तो जाये कोई गम नहीं
देश पर कुर्बानियों का मातम न कर
मौत के बाद भी खुद को मुस्कराए रखना।
न झुकने देना कभी इसके मान को,
न मिटने देना कभी इसकी शान को।
चाहे कुर्बान करनी पड़े जान को।।
अपने सीने से इसको लगाए रखना
ये तिरंगा यूं ही उठाये रखना।
इन रंगों में बलिदानों का रंग तुम्हे मिल जायेगा,
ओढ़ तिरंगा निकलोगे तो अहसास तुम्हे हो जाएगा।
कितनो ने इसके खातिर खुद को सूली चढ़ा दिया,
इतिहास के पन्नो में पढने को मिल जायेगा ।।
काश मरने के बाद भी वतन के काम आता
शहीदों के दुनिया में अपना भी नाम आता
हंस के लुटा देते जान इस वतन के लिए
कोई फिक्र नहीं होती गर ऐसा मुकाम आता।।
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अब है तुम्हारा फर्ज इसे आगे लेकर जाना है,
इस झंडे को दुश्मन की छाती पर फहराना है।।
राज तिलक और भगत गुरु ने लहू से अपने सींचा है,
तब जाके हरा-भरा अपना आज बगीचा है ।।
इसकी शान निराली है
इसकी पहचान निराली है
इसपर जाँ जो मिट जाए
ऐसी जाँ फिर किस्मत वाली है।।
Desh bhakti shayari
झुकने न देंगे तेरे स्वाभिमान को
चाहे दावं पर लगानी पड़े जान को
हम मिट गए तो कुछ गम नहीं
मिटने न देंगे तेरी पहचान को ।।
मर मिटेंगे हम अपने वतन के लिए ,
जान कुर्बान है प्यारे चमन के लिए
हमसे हमारी अब हसरत न पूछो
बाँध रखा सर पे तिरंगा कफ़न के लिए ।।
इसके वाश्ते अपनी जाँ तक लुटा देंगे हम
हमसे टकराए तो उसकी हस्ती मिटा देंगें हम
सर हिमालय का हम न झुकने देंगे कभी
इसकी चोटी पर तिरंगा फहरा देंगे हम ।।
अब लहू से इस चमन को सीचेंगे हम
इसके खातिर जवानी लुटा जायेंगे
कोई दुश्मन की नजर लगे न इसे
इसके सदके में खुद को बिछा जायेंगे।।
ये जोश कभी कम नहीं होगा,
वीरों के बलिदानों से आया है।
कितनो ने लहू बहाया है,
तब जा के तिरंगा पाया है ।।
देशभक्ति शायरी हिंदी में ।
है जान जब तक मेरे सीने में हमारी ,
वतन की शान को न मिटने देंगे।
हम वीर सपूत हैं हम बलिदानी हैं
अपने इस चमन को लहू से सीच देंगे ।
इन रगो में बहता लहू है बस वतन परस्ती की
है सीने में जलती ज्वाला इसके हस्ती की
कोई लहर उसे क्या बहा लियेगी गह्ररी धारा में
हम जैसे पतवार रहें जिस भी कस्ती की ।।
चाहे जान की बाजी लगा देंगे हम
दुश्मनों को वतन से मिटा देंगे हम
है कसम इस तिरंगे की वतन के लिए
ये तिरंगा उनके सीने पर लहरा देंगे हम।
कतरा-कतरा मेरे लहू का
इस वतन के काम आएगा
मेरे जाने के बाद भी तिरंगा
हिमालय पर ऐसे मुस्कराएगा।
वतन परस्ती का जूनून अब सर पर छा गया है
दुश्मनों को मिटाने को उबाल लहू में आ गया है
सर पर कफ़न तिरंगा बाँधा है इस वतन के लिए
मिट जाना है इस प्यारे से जानेमन के लिए ।।
Desh bhakti shayari 2 line
इस बार हिमालय की चोटी से
जाके इसको लहराना है,
इसके खातिर जाँ भी दे देंगे
ये हम सबने ठाना है।
सौ जन्मो तक उनके अहसानों को भुला नहीं सकते।
हम सर कटा सकते हैं लेकिन झुका नहीं सकते
खींच दी हैं लकीरें जो अपने जिगर के लहू से
तुम लाख कोशिस करलो इसे मिटा नहीं सकते।
जो सीने में जली है बुझने वाली नहीं है
आग दुश्मनों के लिए है रुकने वाली नहीं है
जान भी कुर्बान कर देंगे इस वतन के लिए
शान अब वतन की अब झुकने वाली नहीं है ।।
हर बरस शहीदों की चिताओं की लौ जलेगी ।
ये वो आग है जो दुश्मन की जान लेगी ।।
जो फूल था कभी अब अंगारा हो गया ।
ये दुश्मन तेरे खातिर गर्म लहू हमारा हो गया है ।।
अंगारा जल पड़ा है अब सीने में
दुश्मनों के छक्के छुड़ा जायेंगे
इस गर्म लहू के धधकती आग में
उनके सारे अरमान मुरझा जायेंगे ।।
हम फौलादी जिगर वाले हैं
वतन पर खुद को लुटा देंगे
हमसे यूं न टकराना कभी
हस्ती तुम्हारी सब मिटा देंगे ।।
हम बलिदानों के आदी है,
उस हिन्द के फौलाद हैं।
जिस माटी में थे जन्मे भगत सिंह,
हम उस माटी के औलाद हैं ।।
Shayari desh Bhakti
सींच दू खून से अगर इस चमन के काम आए
काश मेरा लहू भी मेरे वतन के काम आए
न जाने कौनसी घडी आख़री हो हमारी,
ये तन मन धन फिर वतन के कामाआए ।
बलिदानों के खातिर हमने खुद को पाला है
यही तमन्ना गूँज रही है जबसे होश संभाला है
है वतन हमारा दिल में बसता इसकी शान निराली है
आंच नं कोई क्या आयेगी जब हम जैसा रखवाला है ।
है बसंती चमन, इसका नीला गगन
इसकी छटा भी निराली है
हम हैं पहरेदार इसी के
करनी हमें रखवाली है ।।
हिमालय से उंचा रहे सर इसका हमने दिल में ठाना है
रंग दो बसंती चोला मेरा हमको सरहद पर जाना है ।
कोई नजर न इसकी और उठे ऐसे पहरेदारी हो
दुश्मन की छाती पर तिरंगा फिर से लहराना है ।।
जान कुरबां वो जायेगी इस वतन के लिए
रगों में लहू फिर भी रहेगा चमन के लिए ।
जाँ से प्यार वतन है हमारा
हम तो इसके पहरेदार रहेंगे
सौ जनम भी लुटा दें इसके लिए
तब भी हम इसके कर्जदार रहेंगे।
मेरे लहू का कतरा-कतार इस चमन से मिले
इसकी शान हो ऊँची और उस गगन से मिले
मेरे लाखो जनम इसके अहसानो पर कम हैं
मौत आये तो सुकून तिरंगा कफ़न से मिले ।।
दिल को छू जाने वाली देशभक्ति शायरी
मेरा लहू काफी है इस चमन के लिए
हम जाँ भी लुटा दें वतन के लिए
दिल अगर रखते है दोतों के लिए
तो खंजर भी रखते है दुश्मन के लिए ।।
सुगंध इस मिट्टी फिजा में बिखर रही है
ये जमी इस वतन को नमन कर रही है
हम इसके खुसबू से सुगन्धित हो रहे हैं
हिन्दुस्तान की सरजमी को चमन कर रही है।।
हम पहरेदार है इसके हम इसके रखवाले है
प्यारे वतन के खातिर हम जाँ भी लुटाने वाले हैं
इसकी हमको हर एक बात निराली लगती है
सौ जीवन कुर्बान हैं इसपर हम ऐसे मतवाले हैं।
हम इस चमन में लहू का रंग भर देंगे
इसके आँगन में खुशिया-2 ही कर देंगे
इसके वाश्ते अपनी जाँ भी लुटा जायेंगे
मुस्कराके खुद को कुर्बान कर देंगे ।।
मेरे रगो का लहू जो तेरे काम आये
काश ऐसा मै कोई काम कर जाता
तेरे शान को यूं ही बनाये रखने के लिए
जंग-ए-मैदान में फिर से उतर जाता।
दुनिया में महकता हुआ चमन चाहता हूँ
शान्ति उन्नति से भरा गगन चाहता हूँ
जान जाए इसके खातिर कोई गम नहीं
बाद मरने के बस तिरंगा कफ़न चाहता हूँ।
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